दो शब्दों की दुनिया है :--
जन्म मृत्यु
लोक परलोक
पाप पुण्य
सुख दुःख
ख़ुशी गम
हार जीत
मान अपमान
तेरा मेरा
भला बुरा
अमीर गरीब
ऊँचा नीचा
छोटा बड़ा
स्त्री पुरुष
योग भोग
मित्र शत्रु
अपना पराया
स्वर्ग नरक
बस दो शब्दों में सिमट जाती है ये दुनिया .........
भास्कर पाठक
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