Sunday, 29 November 2015

यज्ञ का अनुष्ठान

🌹🌹  महर्षि दयानंद उवाचः  🌹🌹
✒...................☝ यज्ञ के अनुष्ठान के विना उत्साह बुद्धि सत्यवाणी धर्माचरण की रीति तप धर्म का अनुष्ठान और विद्या की पुष्टि का संभव नहीं होता और इनके विना कोई भी मनुष्य परमेश्वर की आराधना करने को समर्थ नहीं हो सकता । इससे सब मनुष्यों को इस यज्ञ का अनुष्ठान करके सबके लिये सब प्रकार आनन्द प्राप्त करना चाहिये ।👌👌👌

यजुर्वेद 4/7 (भावार्थ)

🌞🌞🌞सुप्रभात् 🌞🌞🌞
🙏🙏🙏नमस्ते 🙏🙏🙏
🌺🌹 भास्कर पाठक🌺🌹
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Tuesday, 10 November 2015

प्रेम और ध्यान

प्रेम दूसरों के साथ रहने की कला है
और ध्यान स्वयं के साथ रहने की कला.

दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं

दीपावली की शुभकामनाएं 🙏🏻🙏🏻 
      ।।। नमस्ते ।।।

Sunday, 8 November 2015

जीवात्मा अल्पज्ञ

दुनिया में सब बुद्धिमान है लेकिन वो सब विषय में कदापि नही हो सकते । एक बच्चा भी मुझसे किसी विषय में बुद्धिमान हो सकता है एक बुजुर्ग भी मुझसे मुर्ख हो सकता है । एक विद्वान् भी मुझसे विद्वान् हो सकता है एक विद्वान् भी मुझसे मुर्ख हो सकता है क्योंकि जीवात्मा अल्पज्ञ है केवल परमात्मा सर्वज्ञ है ।

भास्कर पाठक
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ईश्वर

निराकार आकार के अभाव को कहते हैं । इसे अनुभव कर सकते हैं । समझाना बड़ा ही क्लिष्ट है लेकिन असंभव नहीं । और समझाने के बाद भी कोई समझ जाये ये जरुरी नहीं है । जैसे हमें भूख लगती है इसे आप खुद अनुभव कर सकते हैं दूसरों को बता भी सकते हैं । लेकिन भूख कैसी होती है भूख को समझाना बहुत कठिन है । ऐसे ही सुख है दुःख है दर्द है ये सब बस अनुभव कर सकते हैं । ठीक ऐसे ही ईश्वर भी है उसे खुली आँखों से कभी नहीं देख सकते बस अनुभव कर सकते हैं ।

भास्कर पाठक
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Tuesday, 3 November 2015

देव और असुर

🌷 महर्षि दयानंद उवाचः ☝
✒.....मनुष्यों का आचरण दो प्रकार का होता है ......एक सत्य और दूसरा झूठ का । अर्थात् जो पुरुष वाणी, मन और शरीर से "सत्य" का आचरण करते हैं वे "देव" कहाते हैं और जो "झूठ" का आचरण करने वाले हैं वे "असुर" "राक्षस" आदि नामों के अधिकारी होते हैं ।
🌷 भावार्थ /यजुर्वेद भाष्य 1/5💐

सुप्रभात । नमस्ते ।
भास्कर पाठक
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Sunday, 1 November 2015

ईश्वर का लाभ

भिद्यते हृदयग्रन्थि:
छिद्यन्ते सर्वसंशया: ।
क्षीयन्ते चास्य कर्माणि
तस्मिन्दृष्टे परावरे ।।
(मुण्डकोपनिषद् 2/1/18)

☝ईश्वर का साक्षात्कार होने पर आत्मा की अविद्या नष्ट हो जाती है । सारे संशय मिट जाते हैं और सारे कुसंस्कारों का नाश हो जाता है ।🌹🙏

सुप्रभात । नमस्ते ।
भास्कर पाठक
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