🌹🌹 महर्षि दयानंद उवाचः 🌹🌹
✒...................☝ यज्ञ के अनुष्ठान के विना उत्साह बुद्धि सत्यवाणी धर्माचरण की रीति तप धर्म का अनुष्ठान और विद्या की पुष्टि का संभव नहीं होता और इनके विना कोई भी मनुष्य परमेश्वर की आराधना करने को समर्थ नहीं हो सकता । इससे सब मनुष्यों को इस यज्ञ का अनुष्ठान करके सबके लिये सब प्रकार आनन्द प्राप्त करना चाहिये ।👌👌👌
यजुर्वेद 4/7 (भावार्थ)
🌞🌞🌞सुप्रभात् 🌞🌞🌞
🙏🙏🙏नमस्ते 🙏🙏🙏
🌺🌹 भास्कर पाठक🌺🌹
9999304525