🌷 महर्षि दयानंद उवाचः ☝
✒.....मनुष्यों का आचरण दो प्रकार का होता है ......एक सत्य और दूसरा झूठ का । अर्थात् जो पुरुष वाणी, मन और शरीर से "सत्य" का आचरण करते हैं वे "देव" कहाते हैं और जो "झूठ" का आचरण करने वाले हैं वे "असुर" "राक्षस" आदि नामों के अधिकारी होते हैं ।
🌷 भावार्थ /यजुर्वेद भाष्य 1/5💐
सुप्रभात । नमस्ते ।
भास्कर पाठक
9999304525
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